* नम आंखों से दी शहर ने दादा-पोते को विदाई l*

* नम आंखों से दी शहर ने दादा-पोते को विदाई l*


महू। उद्योगपति पुनीत अग्रवाल एवं उनके परिजनों की मंगलवार को उनके फार्म हाउस में हुई दुर्घटना में मौत के बाद महू शहर में सन्नाटा पसरा है। नववर्ष की उमंग उत्साह सब कुछ जैसे ठहर से गया है। हर चौक चौराहे पर इस हादसे की चर्चा चलती रही। मंगलवार अलसुबह से ही श्री पुनीत अग्रवाल के महू के मॉल रोड स्थित बंगला नम्बर 76 में आने जाने वालों का तांता लगा रहा। शोक संतप्त परिवार के पास शहर के लोग पहुंचते रहे देश प्रदेश के उद्योगपति, राजनेता भी अग्रवाल हाउस पहुंचे। 11 बजे पुनीत अग्रवाल एवं उनके पोते नव की पार्थिव देह को लेकर  शवयात्रा प्रारम्भ हुई । दादा पोते की पार्थिव देह को फूलों से सजे वाहन में लेकर हजारों लोगों का काफिला जब  नगर के जिस भी मार्ग से निकला कृतज्ञ शहर वासियों ने पुष्प वर्षा कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की । इस दौरान शहर वासियों ने अपने प्रतिष्ठान भी बंद रखे लगभग साढ़े तीन किमी के मुक्तिधाम तक के मार्ग पर विभिन्न सामाजिक संगठनों ने पुष्प वर्षा की। शव वाहन पर दादा पोते की पार्थिव देह के पास  पुनीत अग्रवाल के छोटे भाई नितिन अग्रवाल, पुत्र निपुन, उद्योगपति एवं पुनीत अग्रवाल के अभिन्न सहयोगी शैलेन्द्र सिंघल थे। गुजरखेड़ा स्थित मुक्तिधाम में पुनीत अग्रवाल के पुत्र निपुन ने अपने पिता एवं पुत्र को मुखाग्नि दी तब माहौल और गमगीन हो गया उपस्थित उद्योगपतियों, राजनेताओं, शिक्षाविद, कानूनविद, प्रशासनिक अधिकारियों, चिकित्सको, सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों, लायन्स, रोटरी इत्यादि सहित विधायक सुश्री उषा ठाकुर, आकाश विजयवर्गीय, पूर्व विधायक अंतरसिंह दरबार, पार्षद कैलाशदत्त पाण्डेय, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता योगेश यादव, मृणाल पंत एवं सामाजिक तथा राजनीतिक संस्थाओं के प्रमुखों ने नम आंखों से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।


श्वान भी पहुंचा मुक्तिधामl



जब श्री पुनीत अग्रवाल की शवयात्रा उनके निवास से प्रारम्भ हुई तो एक काले रंग का कुत्ता (श्वान) भी साथ-साथ चलता रहा। पुनीत अग्रवाल के निवास स्थल से लेकर मुक्तिधाम तक यह श्वान निरन्तर चलता रहा तथा मुक्तिधाम पहुंच कर एक कोने में बैठ गया। बताते हैं पैरों से अपंग इस श्वान को श्री अग्रवाल के परिवार से प्रतिदिन खाना देते थे।


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