इंदौर/देवास. देवास में जिला योजना समिति की मंगलवार को बैठक में प्रदेश के खेल मंत्री जीतू पटवारी और देवास से भाजपा सांसद महेन्द्र सोलंकी के बीच जमकर बहस हो गई। इस दौरान मंत्री पटवारी ने सांसद से कहा कि नियमों के तहत मैं आपको उठाकर इस बैठक से बाहर कर सकता हूं।
हालांकि, अधिकारियों की समझाइश के बाद दोनों शांत हुए और बैठक शुरू की गई। लेकिन, बैठक खत्म होने के बाद एक बार फिर पटवारी और सोलंकी में विवाद बढ़ गया। सूचना मिलने पर कांग्रेस कार्यकर्ता भी कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और भाजपा, प्रधानमंत्री के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। हंगामा होता देख मंत्री जीतू पटवारी और सांसद महेन्द्र सिंह सोलंकी वहां से निकल गए। इससे पहले भी जियोस की बैठक में पटवारी और सोलंकी के बीच विवाद हो चुका है।
सांसद बार-बार हाथ और उंगली दिखाकर बात कर रहे थे- पटवारीबैठक के बाद पटवारी ने कहा- "सांसदजी जिस तरह की भाषा का उपयोग कर रहे थे, बार-बार हाथ और उंगली दिखाकर बात कर रहे थे। मैंने उनसे कहा कि इस पद की गरिमा होती है। आप जज की भूमिका से यहां आए हैं। हमारा सांसद कैसा है, यह जनता ने भी देखा। यह पार्टी से उठकर जनप्रतिनिधियों के व्यवहार का मामला है
जनप्रतिनिधियों का एक व्यवहार होता है। वह जनता के होते हैं, किसी पार्टी के नहीं। यह भावना सांसदजी में आनी चाहिए।"
कलेक्टर समेत अफसरों के सामने विवाद
मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित इस बैठक में जिले के प्रभारी मंत्री जीतू पटवारी, कलेक्टर, एसपी, जिला पंचायत सीईओ, प्रशासन के अन्य अधिकारियों के अलावा देवास से भाजपा सांसद महेन्द्र सिंह सोलंकी भी उपस्थित थे।
बहस के दौरान किसने क्या कहा
प्रभारी मंत्री और सांसद के मध्य हुई बहस का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो के अनुसार :-
पटवारी- अगर हमारी सोच इतनी कम है। आप सांसद बन गए हैं तो अपना व्यक्तित्व बनाना आपका ही काम है।
सोलंकी - यह प्रमाणपत्र आपको देने की जरूरत नहीं है। जनता ने मुझे चुना है। मैं जनता का प्रतिनिधि हूं।
पटवारी (अधिकारियों की तरफ इशारा करके)- ये तरीका ठीक नहीं है, इनको जरा सामान्य ज्ञान बांटिये।
सोलंकी- आपको सिखाएं सामान्य ज्ञान...
पटवारी- इनको बताओ जरा। इनको उठाकर बाहर कर सकता हूं यहां से...
सोलंकी- ये क्या तरीका है आपका, क्या बोल रहे हैं आप
पटवारी- उठा के बाहर कर सकता हूं यहां से...
सोलंकी- मैं सांसद हूं यहां का, देवास की जनता की आवाज उठाने के लिए बैठा हूं यहां
पटवारी- सांसद हैं तो एक तरीका होता है, नियम बने हुए हैं