*आठों पार्षद जवाब दें अन्यथा चलेगा आंदोलन* पिछले 4 सालों से महू का टाउन हॉल बंद पड़ा है। छावनी परिषद बार-बार सफाई देता है यह डेंजर है! यहां नृत्य, नाटक, स्कूल फंक्शन, कवि सम्मेलन, संगीत समारोह, साल भर चलते रहे हैं, लेकिन अचानक उसे खंडहर बता दिया गया है। हम सभी कलाकार और कार्यक्रम आयोजक टाउन हॉल को अच्छे स्वरूप में देखना चाहते हैं और उसकी वर्तमान परिस्थिति को लेकर बेबसी पर आंसू बहा रहे हैं, अफसोस व्यक्त कर रहे हैं। हम सब महू कैंट के आठों पार्षद से यह जानना चाहते हैं कि आखिर यह टाउन हॉल जर्जर कैसे हुआ? जबकि इसी टाउन हॉल का दूसरा भाग जिसमें स्टेट बैंक चल रही है, वह आज भी सुरक्षित है जिसमें एक पैसा मरम्मत का नहीं लगाया गया है। जबकि टाउन हाल में तत्कालीन सीईओ निगार फातिमा हुसैन ने लगभग ₹20,000 लाख खर्च करवाए थे जब टाउन हॉल का जीर्णोद्धार किया किया गया था। इसके अलावा भी 1974 से लेकर 2016 तक टाउन हॉल में मरम्मत के नाम पर काफी पैसा खर्च हुआ है, इसके बावजूद टाउन हॉल डेंजर कैसे घोषित हो गया, यह हम सब लोगों के लिए एक प्रश्न बनकर खड़ा है। जिसके बारे में छावनी परिषद के आठों पार्षद ना कुछ बोल रहे हैं, ना टाउन हाल के निर्माण के बारे में प्लान कर रहे हैं और ना ही यह खतरनाक किन परिस्थितियों में हुआ उसकी जांच करवा रहे हैं। यह बात अब खुलकर सामने आना चाहिए। एक टाउन हॉल आखिर इन परिस्थितियों में पहुंचा कैसे? यदि अगले 15 दिनों में इस बारे में पार्षदों ने खुलासा नहीं किया तो सारे कलाकार मिलकर एक आंदोलन की रूपरेखा बनाएंगे और नए टाउन हॉल के निर्माण के लिए और पुराने टाउन हॉल की जांच के लिए आंदोलन चलाया जाएगा। -
आठों पार्षद जवाब दें अन्यथा चलेगा आंदोलन*