*माननीय मुख्यमंत्री जी से मुलाक़ात के बाद मैंने आज काली दिपावली मनाने का फ़ैसला वापस लिया* ——दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस हाईवे 148N तथा अमृतसर-जामनगर हाईवे 754K के लिऐ की जा रही हूँ भूमि अवाप्ति का चार गुणा मुआवज़े की माँग पर राजस्थान में हम पिछले चार माह किसान आन्दोलन कर रहें हैं...अगस्त माह में दौसा ज़िले मैंने बड़ा आन्दोलन किया था....आन्दोलन के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी से वार्ता के बाद तथा मुख्यमंत्री जी के आश्वासन देने पर मैंने दौसा ज़िले में (भाण्डारेज बंध) का किसान आन्दोलन स्थगित किया था परन्तु हमारी माँग अनुसार चार गुणा मुआवज़े का निर्धारण अभी तक नहीं हो पाया हैं...पिछले दिनों नांगल राजावतान (दौसा) में प्रदेश किसान संघर्ष समिति की मेरी अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित हुई ...जिसमें किसानों ने *काली दिपावली* मनाने की घोषणा की थी ..आज सुबह मुख्यमंत्री निवास पर मेरी माननीय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी से मेरी मुलाक़ात सकारात्मक रहीं हैं...मुख्यमंत्री जी ने मुझे आश्वस्त किया है कि प्रदेश के किसानों को *हमारी सरकार के होते काली दिपावली नहीं मनायेंगे* मैंने मुख्यमंत्री जी को ज्ञापन दिया है तथा माँग की है कि *भारत माला परियोजना के अन्तर्गत दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस वे तथा अमृतसर-जामनगर हाईवे एक से अधिक राज्यों की भूमि का उपयोग हो रहा है तथा भूमि अधिग्रहण की जा रही है इसलिऐ भूमि अधिग्रहण बिल 2013/15के अनुसार मुआवज़ा मिलना चाहिये था लेकिन पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने राज्य के फ़ैक्टर 14जून 2016 के तहत मुआवज़े का निर्धारण किया है जो किसानों के साथ धोखा हैं,..केन्द्र सरकार कि 8मई 2017की गाईडलाईन के अनुसार 'अगर किसी परियोजना में एक से अधिक राज्यों की भूमि का उपयोग किया तो केन्द्र द्दारा लागू अधिनियम के तहत किसानों की अधिग्रहीत भूमि का मुआवज़ा केन्द्र के नियमानुसार दिया जायेगा' अगर किसी परियोजना में एक ही राज्य की भूमि अधिग्रहीत की जा रही है तो स्थानीय राज्य के नियम फ़ैक्टर से मुआवज़े का निर्धारण किया जायेगा* दोनो एक्सप्रेस हाईवे के पाँच राज्यों की सीमाओं से निकाला जा रहा हैं इसलिऐ राजस्थान के किसानों को केन्द्र के नियम अनुसार मुआवज़ा देना चाहिये था .. मुख्यमंत्री जी ने मुझे 8मई 2017 की पालना के लिऐ केन्द्र सरकार को पत्र लिखने का आश्वासन दिया है ....मुख्यमंत्री जी के आश्वस्त करने पर मैने *काली दिपावली* मनाने की घोषणा को वापस ले ली हैं... आज मुख्यमंत्री जी के पास समय का अभाव था इसलिऐ मुख्यमंत्री जी ने मुझे अकेले ने ही मुलाक़ात करने बुलाया था ....दिपावली बाद राजस्थान राज्य का किसान प्रतिनिधियों को लेकर मुख्यमंत्री से वार्ता की जायेगी ...राज्य सरकार जब तक किसानों को चार गुणा मुआवज़े का निर्धारण करने के लिऐ केन्द्र सरकार को बाध्य नहीं कर देती हैं.तब तक हमारा आन्दोलन जारी रहेगा .... *आखिर तीनों राज्यों के किसान क्यों आन्दोलन कर रहें हैं* क्या है ——8मई 2017 की केन्द्र सरकार की गाईडलाईन * भूमि अधिग्रहण मुआवजा के संबंध में कई राज्यों ने केन्द्र से वर्ष-2017 में स्पष्टिकरण माँगा था...कि राज्य किस आधार पर परियोजनाओं के लिए मुआवज़े का निर्धारण करे इस सन्दर्भ में केन्द्र सरकार ने दिनांक 8मई 2017 को केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं भू संसाधन मंत्रालय ने एक गाइड लाईन भेजी थी जिसमें यह स्पष्ट उल्लेख था कि “अगर भू अधिग्रहण किसी एक राज्य के लिऐ किया जा रहा है तो भूमि का मुआवजा संबंधित राज्य द्दारा निर्धारित मुआवज़े के मुताबिक़ होगा”——-“अगर किसी परियोजना में एक से अधिक राज्यों की भूमि का उपयोग किया जाना है तो अधिग्रहण की जाने वाली भूमि का मुआवज़ा केन्द्र के हिसाब से तय होगा”———“राज्यों द्दारा भूमि अधिग्रहण करने पर मुआवज़े में वही गुणांक प्रयुक्त होगा जो राज्य ने निर्धारित किया है”—छत्तीसगढ़ एक मात्र ऐसा राज्य है *जो राज्य में परियोजना व केन्द्र की परियोजना के लिऐ अलग-अलग मुआवज़ा दे रहा हैं.... भारत माला परियोजना चूँकि एक से अधिक राज्यों की भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है लेकिन मुआवज़ा राज्यों के फ़ैक्टर के हिसाब से दिया जा रहा हैं....राजस्थान में भी ऐसा ही हो रहा है अब किसानों की माँग यह है कि भारत माला परियोजना में एक से अधिक राज्यों की भूमि का उपयोग हो रहा है तथा केन्द्र सरकार की जारी गाईडलाईन 8 मई 2017 को दरकिनार कर राज्य के निर्धारित नियमों से मुआवज़ा देना ग़ैरक़ानूनी है भूमि अधिग्रहण बिल 2013/ 15 के क़ानून का उल्लंघन हैं।———-हिम्मत सिंह गुर्जर (संयोजक) प्रदेश किसान संघर्ष समिति राजस्थान
माननीय मुख्यमंत्री जी से मुलाक़ात के बाद मैंने आज काली दिपावली मनाने का फ़ैसला वापस लिया* ——