ईमानदार अफसर संजीव शमी को एसआईटी चीप से हटा दिया क्योंकि हनी ट्रैप में बड़े-बड़े लोगों के नाम उजागर होने का डर था

तो फिर  कैसे होगा दूध का दूध और पानी का पानी


इंदौर। सख्त आफिसर संजीव शमी को केस से हटाया। एसआईटी चीफ को बदलने के मामले में फिर उंगली उठने लगी है। सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि भोपाल से आरोपियों को इंदौर लाने के दौरान ही उन्हें बदलने की प्रक्रिया शुरू हो गयी थी। उनके बने  रहने से कई राज्यों के बड़े लोगों के नाम सामने आ जाते हैं। चीफ ने जब पांचों हनी ट्रेप महिलाओं से पूछताछ की तो उन्होंने कई चौकाने वाले नामों का खुलासा किया था। जिसके तार कई राज्यों से जुड़े थे। बताया जाता है कि इन बड़े नामों की संख्या करीब 50 तक पहुंच गई। इसे लेकर शमी ने सरकार से कार्रवाई करने को कहा था। इससे कई कांड खुल सकते थे। इसलिए चीफ को केस से हटाया गया।


एसआईटी को लोग दे रहे जानकारी
 एसआईटी की ईमेल आईडी को सार्वजनिक किया गया था। इसके बाद से लोग इस आईडी पर सूचना दे रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक भोपाल के  ऐसे चार नाम बताए जा रहे हैं और ये सभी भाजपा नेताओं के समर्थक हैं। दो ज्वेलर्स, एक रेस्टोरेन्ट का मालिक और एक उद्योगपति का नाम सामने आ रहा है। इन चारों लोगों  पर भी एसआईटी की नजर हैं।
135 घंटे के वीडियो
जांच पड़ताल में सामने आया है कि पकड़ी गई पांच महिलाओं ने कई नेताओं और अफसरों के साथ वीडियो बना लिये थे। वीडियो भी इतने है कि अगर सबको एक साथ जोड़ा जाए तो 135 घंटे तक की लगातार फिल्म चल सकती है। इन्ही वीडियो के आधार पर वे पैसा, टेण्डर, तबादले और मनचाहे काम करवा रही थीं। इसी कारण इनका सरकार में दखल बढ गया था। अब प्रश्न यह है कि इन महिलाओं से शिकायत तो केवल हरभजनसिंह को थी, बाकी सब तो अपने संबंध मेनटेण्ड रखे हुए थे।


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