बीजेपी ने घण्टा बजा के खुद ही खोल दी अपने किए विकास की पोल!
मध्यप्रदेश में 2003 में भारतीय जनता पार्टी ने बहुमत के साथ सरकार बनाई। 2003 से लेकर 2018 तक 14 वर्ष में 3 मुख्यमंत्री क्रमशः उमा भारती, स्व. बाबूलाल गौर और शिवराज सिंह चौहान ने शासन किया जिसमें सबसे ज्यादा शिवराज सिंह चौहान ने 13 वर्ष शासन किया। इन 13 वर्षों में जनता ने शिवराज सिंह चौहान के हज़ारों भाषण सुने होंगे जिसमें उन्होंने मध्यप्रदेश के कई जिलों को पेरिस बनाया, मध्यप्रदेश की सड़कों को अमेरिका से अच्छी बताईं। हर भाषणों में शिवराज सिंह ने कहा कि हमने मध्यप्रदेश को बीमारू राज्य से विकसित राज्य की श्रेणी में खड़ा कर दिया। सवाल ये उठता है कि जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने 15 वर्षों में ऐतिहासिक विकास कार्य किए तो वे कार्य 8 महीनों में ही खत्म कैसे हो गए? क्यों बीजेपी नेता खुद ही घण्टा बजाकर अपने ही किए विकास कार्यों की पोल खोलने लग गए? मध्यप्रदेश की उधड़ी हुई सड़कें शिवराज सिंह सरकार के झूठे विकास की परतें भी खोलती जा रही हैं। समूचे प्रदेश में बारिश के बाद सड़कें खस्ताहाल हैं तो क्या हम ये समझें शिवराज जी कि आप और आपके मंत्रियों ने सिर्फ कोरी विकास की बातें की और कमाई टिकाऊ की व काम दिखाऊ किए।
आज मध्यप्रदेश का एक भी किसान ये नही कह सकता कि बीजेपी के 15 वर्षों के शासन काल मे उनका एक भी रुपए का ऋण शिवराज सिंह सरकार ने माफ कराया। बीजेपी के नेताओं से कोई पूछे कि आखिर फिर प्रदेश का खजाना कहां लूटा दिया? पढ़े लिखे शिक्षित युवा बेरोजगार घूम रहे हैं, इंजिनीरिंग कॉलेज बन्द हो गए हैं, किसान की हालत में कोई सुधार नही हुआ, व्यापारी बुरी तरह परेशान हैं, स्वास्थ्य सेवाएं जर्जर से जर्जर हो गई तो घण्टा बजा रहे तमाम बीजेपी के नेताओं से सवाल है कि "तू इधर उधर की बात न कर, बता ये काफिला लुटा कैसे"?
घण्टा बजाने से कुछ नही होगा, कमलनाथ सरकार की तरह घण्टों ईमानदारी से मेहनत करना पड़ेगी तब जाके केवल 8 महीनों में लाखों किसानों का कर्ज़ा माफ करने का निर्णय ले पाओगे। कोरी बयानबाजी की जगह कमलनाथ जी के जैसे कमिटमेंट के साथ काम करना होगा तब जाके मध्यप्रदेश में उद्योग स्थापित हो सकेंगे। कमलनाथ सरकार के काम करने की गति ही विपक्षी नेताओं को घण्टा बजाने को मजबूर कर रही है क्योंकि जिस तेजी से मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ने मध्यप्रदेश के वास्तविक विकास की गाथा गढ़ी है वो दिन दूर नही जब साल-डेढ़ साल में प्रदेश की समूची तस्वीर ही बदल जाए।
सचमुच जन-मानस पर क्या बीत रही होगी कि जब वे बाढ़ की चपेट में आकर अपने सांसद का इंतज़ार कर रहे थे तब उनके प्रिय सांसद जिन्हें आंख बंद करके जनता ने वोट किया वे रोड पर घण्टा पकड़ कर खड़े थे! अच्छा ये होता कि मध्यप्रदेश के चुने हुए 28 बीजेपी सांसद अपनी ही केंद्र सरकार को घण्टा बजाकर जगाते और प्रदेश के विकास के लिए दिखाई दी जाने वाली निर्णायक लड़ाई लड़ते। सांसदों को "विकास" शब्द यदि समझना है तो छिंदवाड़ा होकर आइए जहां एक सांसद ने अपने जीवन काल में छिंदवाड़ा शहर को समूचे देश मे सबसे विकसित और तेजी से तरक्की करने वाला शहर बना दिया। आज वही सांसद कमलनाथ मध्यप्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री हैं और बीजेपी को रात-दिन यही डर सता रहा है कि कहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ ने छिंदवाड़ा की तर्ज़ पर मध्यप्रदेश को विकास की श्रेणी में खड़ा कर दिया तो जिस तरह से छिंदवाड़ा कांग्रेस की अपराजेय सीट है उसी तरह कहीं समूचा मध्यप्रदेश भी मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस का अपराजेय गढ़ न बन जाए।
योगेन्द्र सिंह परिहार, भोपाल
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