विपक्ष द्वारा भाजपा नेताओं पर "मारक शक्ति" के प्रयोग संबंधी प्रज्ञा ठाकुर का बयान मूर्खतापूर्ण और आपत्तिजनक शहीद करकरे के अपमान और गोडसे के गुणगान के बयानों की अगली कड़ी है प्रज्ञा का यह बयान
कोई कठोर कार्यवाही न होने से साफ है कि प्रज्ञा को मिला हुआ है भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का समर्थन और संरक्षण : शोभा ओझा* मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग की अध्यक्ष श्रीमती शोभा ओझा ने भोपाल से भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर के उस कथन को घोर आपत्तिजनक, निंदनीय और मूर्खतापूर्ण बताया है, जिसमें प्रज्ञा ठाकुर ने कहा है कि "उन्हें आशंका है कि विपक्ष द्वारा भाजपा नेताओं पर 'मारक शक्ति' का प्रयोग किया जा रहा है।" श्रीमती ओझा ने कहा कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व हमेशा प्रज्ञा के आपत्तिजनक बयानों पर, उन्हें केवल चेतावनी देकर छोड़ देता है और कोई कार्यवाही नहीं करता है, इससे साफ जाहिर है कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व भी पूरी तरह से, प्रज्ञा को अपना समर्थन और संरक्षण देते हुए उनके पक्ष में मजबूती से खड़ा है। आज जारी अपने वक्तव्य में प्रज्ञा ठाकुर के कथन के संदर्भ में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व पर, उपरोक्त सीधा आरोप लगाते हुए श्रीमती ओझा ने कहा कि भोपाल में आज पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री बाबूलाल गौर की श्रद्धांजलि सभा में सांसद प्रज्ञा ठाकुर द्वारा यह कहा जाना नितांत शरारत और मूर्खतापूर्ण है कि "मैं जब चुनाव लड़ रही थी, तब एक महाराज जी आए थे, उन्होंने कहा था कि ये बहुत बुरा समय चल रहा है, विपक्ष एक मारक शक्ति का प्रयोग आपकी पार्टी और उसके नेताओं के लिए कर रहा है, ऐसे में आप सावधान रहें, इसके बाद मैं यह बात भूल गई थी लेकिन अब जब मैं यह देखती हूं कि हमारी पार्टी के नेता यूं एक के बाद एक जा रहे हैं तो, मुझे उन महाराज जी की बात याद आ रही है। भले आप विश्वास करें या ना करें, पर यही सत्य है और यह हो रहा है।
श्रीमती ओझा ने कहा कि आज के आधुनिक युग में भी, एक सांसद द्वारा की जाने वाली ऐसी संकीर्ण और दकियानूसी बातों के बाद भी, यदि भाजपा उन पर कोई कार्यवाही नहीं करती है तो यह प्रज्ञा द्वारा की जा रही आधारहीन बयानबाजी और उनकी घृणित व आपत्तिजनक राजनीति को, भाजपा का पूर्ण समर्थन ही माना जाएगा। * अपने बयान के अंत में श्रीमती ओझा ने कहा कि पहले शहीद करकरे का अपमान, फिर गोडसे के गुणगान के बाद, आज दिए गए प्रज्ञा के उपरोक्त बयान से उनका बौद्धिक स्तर और अंधविश्वासी व घृणित मानसिकता पूरी तरह से उजागर हो गई है, इस सब के बावजूद, यदि अब भी भाजपा का शीर्ष नेतृत्व, प्रज्ञा पर कोई कार्यवाही नहीं करता है तो देश के सामने यह स्पष्ट हो जाएगा कि पूरी भाजपा ही गोडसेवादी, शहीदों की अपमानकर्ता और प्रज्ञा के घृणित और आपत्तिजनक विचारों की समर्थक होने के साथ ही, उनकी संरक्षक भी है।